जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
पाठ करे सो पावन more info हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।